कला संगम के नेत्तृव में कोरोना काल में नौ राज्य के कलाकार कला की सतरंगी छटा बिखरने पहुंचने गिरिडीह
शहर में तीन दिवसीय प्रतियोगिता का उद्घाटन के साथ हुआ आगाज
गिरिडीहः
सलूजा गोल्ड के सहयोग से कला संगम के तीन दिवसीय 21वें अखिल भारतीय बहुभाषी नाटक-शास्त्रीय लोकनृत्य और माॅडर्न नृत्य प्रतियोगिता की शुरुआत गिरिडीह में हुआ। मोती सिनेमा हाॅल में उद्घाटन के बाद अब देश के नौ राज्य के कलाकारों की सतरंगी छटा शहर के लोगों को देखने को मिलेगा। नौ राज्य के कलाकारों में गुजरात, असम, बंगाल, मणिपुर, उत्तर प्रर्देश के आजमगढ़, मध्य प्रर्देश समेत उड़ीसा, बिहार और झारखंड के मेजबान टीम के कलाकार लगातार तीन दिनों तक अपने राज्य की संस्कृति से जुड़े लोकनृत्य और समाजिक कुरीतियों पर आधारित नाटक पेश करेगें। इधर तीन दिवसीय प्रतियोगिता का उद्घाटन पहले दिन शनिवार को संस्था के पदाधिकारियों के साथ निगम के उप महापौर प्रकाश सेठ, गांडेय के पूर्व विधायक जयप्रकाश वर्मा ने संयुक्त रुप से दीप जलाकर किया। जबकि उद्घाटन में संस्था के पदाधिकारी राजेन्द्र बगेड़िया, अधिवक्ता प्रकाश सहाय, पंकज ताह, कार्यकारी अध्यक्ष डा. परिमल सिन्हा, बिहार से आएं रंगकर्मी अशोक मानव के अलावे निर्णायक मंडली के सदस्यों ने किया।
इधर प्रतियोगिता के उद्घाटन समारोह को पूर्व विधायक वर्मा समेत संरक्षक राजेन्द्र बगेड़िया, प्रकाश सहाय, उप महापौर प्रकाश सेठ समेत कई ने संबोधित किया। वैसे प्रतियोगिता के पहले दिन ही कई आर्कषक नृत्य पेश किए गए। जिसमें बंगाल की नृत्यागंना अदरीजा कुंडु ने आर्कषक भारतनाट्यम पेश की। जबकि धनबाद टीम के कलाकारों ने मौके पर समूह के साथ कत्थक नृत्य पेश किया। तो महाश्वेता कलाकेन्द्र की टीम की सदस्य और कलाकार अनन्या प्रसाद ने भी कत्थक नृत्य ही पेश की। इसी संस्था की पृषा तिवारी ने फोक नृत्य पेश की। यूपी के बनारस से नाट्य संस्था सांस्कृति केन्द्र की कलाकार प्रतिमा सिन्हा ने मोह सेतू पर आधारित नाटक पेश की। प्रसिद्ध शास्त्रीय नृत्यागंना बर्नाली पाॅल के शास्त्रीय नृत्य देख श्रोताओं खूब तारीफ की। इधर प्रतियोगिता को सफल बनाने में कला संगम के सतीश कुंदन, सुनील मंथन शर्मा, नीतिश आनंद, मनोज कुमार मुन्ना, मदन मजरर्वे, अंजनी सिन्हा, शिवेन्द्र सिन्हा समेत अन्य सदस्यों की भूमिका महत्पूर्ण रही।