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ग्राफिक्स डिजाईनर रंजीत हत्याकांड के गुनहगार जावेद को दबोचने में नाकाम गिरिडीह पुलिस के नाकामी पर सत्ता पक्ष के जनप्रतिनिधी भी चुप

थाना पहुंचे आरोपी को पुलिस ने कहानी सुनने के बाद छोड़ा, अब फरार होने के बाद लगे है गिरफ्तारी में

गिरिडीहः
ग्राफिक्स डिजाईनर रंजीत साव हत्याकांड के मुख्य गुनहगार जावेद असंारी को दबोचना मुफ्फसिल थाना पुलिस के लिए चुनौती बनता जा रहा है। दुसरी तरफ महेशलुंडी गांव के ग्रामीणों का दबाव के साथ अब कई समाजिक संगठन के युवा भी लगातार विरोध-प्रदर्शन कर रहे है। लेकिन पांच दिनों बाद भी पुलिस के हाथ खाली है तो जाहिर है कि ध्वस्त नेटवर्क ने गिरिडीह पुलिस की नाकामी को अब सार्वजनिक कर दिया है। वैसे विरोध सिर्फ नाकामी को लेकर नहीं। बल्कि, मुख्य गुनहगार जावेद से रंजीत के गायब होने की कहानी सुनकर थाना से छोड़ दिए जाने को लेकर है। और इसी बात पर मुफ्फसिल थाना पुलिस सवालों के घेरे में है। आखिर छोटे मामलों पर संदिग्धों से सख्ती से पूछताछ करने वाली पुलिस हत्या के गुनहगार को क्यों देती है। वैसे जिस थाना क्षेत्र में आएं दिन हत्या समेत कई घटनाएं हो रही है। वहां के पदाधिकारी पर कार्रवाई के बजाय थाना प्रभारी के पद पर रखना भी गिरिडीह पुलिस महकमा के कार्यशैली पर सवाल खड़े करता है। यही नही सत्ता पक्ष के जनप्रतिनिधी की चुप्पी भी रंजीत साव हत्याकांड को लेकर खामोश है तो यह भी कम हैरानी वाली बात नहीं है। इधर मुख्य गुनहगार जावेद असंारी को दबोचने के लिए हर संभावित ठिकानों पर छापेमारी का दावा पुलिस द्वारा किया तो जा है। जावेद के धोबीडीह गांव स्थित घर पर दबिश देने के के साथ कई और स्थानों पर छापेमारी की बात कहा जा रहा है। लेकिन अपराधी जावेद फरार है। ऐसे में सिर्फ यही कहा जा सकता है कि कहीं ये लोगों के गुस्से को शांत करने का कोई हथकड़ा तो नहीं। बताते चले कि चार दिन पहले महेशलुंडी निवासी उत्तीम साव के 24 वर्षीय बेटे रंजीत साव का शव इसी थाना क्षेत्र के गुजियाडीह मोड़ के खंडहरनुमा हवेली के भीतर दर्दनाक हालात में मिला था। हत्या को अंजाम देने में दो आरोपियों का नाम सामने आया। इसमें मुख्य गुनहगार जावेद अंसारी जहां अब भी फरार है। वहीं दुसरे आरोपी मो. मोकिम को पुलिस ने ग्रामीणों के सहयोग से गिरफ्तार कर जेल भेज दिया।

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