मुंद्रा राइस मिल मामले में पथराव के आरोपियों पर हुई कारवाई ने लिया राजनीति रंग
- जेएमएम और विधायक के आरोप के बाद अब माले विधायक ने लगाया सत्ता के इशारे पर खेल का आरोप
- विधायक विनोद सिंह सहित माले नेताओं ने किया सिमरियाधौडा का दोरा
- कई घरों में मिले ताले लटके, भयभीत है लोग
- मामला अब बदला मुस्लिम वोटरों के समर्थन का
गिरिडीह। मुंद्रा राइस मिल परक्रण अब न सिर्फ राजनीति रंग ले लिया बल्कि दो दलों के बीच में आरोप प्रत्यारोप का दौर भी शुरू हो गया है। जेएमएम और माले के बीच आरोप प्रत्यारोप का दौर अब भी चल रहा है। वैसे दिलचस्प पहलू यह भी है की मामला अब फैक्ट्री कर्मी की मौत और उचित मुआवजा दिलाने तक सीमित नहीं रह कर मामला मुस्लिम वोटरों का समर्थन हासिल करने में बदल चुका है। लिहाजा, दो दिन पहले ही सदर विधायक सुदिव्य कुमार सोनू और जेएमएम अध्यक्ष संजय सिंह ने पत्थरबाजी की घटना के लिए माले नेताओं को जिम्मेवार बताते हुए स्वार्थ की राजनीति से दूर रहने का सुझाव दिया था। वहीं दो दिन बाद भाकपा माले विधायक विनोद सिंह और पूर्व विधायक राजकुमार यादव ने इन आरोपियों को बेकसूर बताकर झूठे केस में फंसाने का आरोप सदर विधायक सोनू पर मढ दिया है।
गुरुवार को माले विधायक विनोद सिंह और पूर्व विधायक राजकुमार यादव समेत कई माले नेताओ ने सिमरियाधौडा का दौरा किया। इस दौरान विधायक और पूर्व विधायक के साथ माले नेता राजेश यादव, राजेश सिन्हा, नौशाद अहमद चांद, मन्नोवर हसन, फुल देवी समेत कई माले नेता भी शामिल थे। माले नेताआंे ने मौके पर सिमरियाधौडा के कई महिलाओं और ग्रामीणों से मिले। मिलने के दौरान महिलाओं ने बताया की पुलिस के खौफ से ही कई ग्रामीण घर बंद कर भागे हुए है। बरवाडीह में पथराव की घटना के बाद पुलिस ने जो कारवाई किया। उसके भय से महिलाओं के साथ साथ सभी ग्रामीण भी भयभीत है।
सिमरियाधौडा का दौरा करने के दौरान माले नेताआंे को कई घरों में ताले लटके दिखे। इलाके का दौरा करने के क्रम में कुछ महिलाओं ने ये भी कहा कि वो लोग भी काफी हिम्मत करते हुए फिलहाल रह रहे है। उन्हें भी भय है की कब पुलिस उनके घर के पुरुष सदस्य को गिरफ्तार कर ले जाएगी।
इस दौरान दौरा के बाद प्रेसवार्ता कर विधायक विनोद सिंह और पूर्व विधायक राजकुमार यादव ने कहा कि इस तरह की कारवाई सत्ता में बैठे लोगो के इशारे पर ही संभव है। निर्दाेषों पर कारवाई ही इस पूरे मामले में सदर विधायक सोनू और उनकी पार्टी की भूमिका साबित कर रहा है।
कहा कि गिरिडीह के फैक्ट्री में आए दिन मजदूरों की मौत होती है और माले ही वैसे मजदूरों के मौत के बाद उनके परिजनों के अधिकार दिलाने की लड़ाई लड़ता है। उस वक्त कोई सताधारी दल सामने तक नही आते और जब सद्दाम की मौत के मामले में उनके परिजनों को अधिकार दिलाने की लड़ाई लड़ी गई तो विधायक सोनू के इशारे पर माले नेताओ समेत कई युवकों पर झूठे केस दर्ज कर दिए गए। इतना ही नहीं मुआवजे का जितना रकम सद्दाम के परिजनों को मिलना चाहिए था वो अभी अब तक नही मिला है। जबकि विधायक सोनू समेत उनकी पार्टी पीड़ित परिवार को मुआवजा दिलाने का झूठा ढिंढोरा पीट रहें है।