गावां में खराब पड़े चापाकल के मरम्मति का कार्य जोरों पर
गिरिडीह। गर्मी के दस्तक देते ही पूरे गावां प्रखण्ड में पेयजल की समस्या बढ़ गई है, जल स्तर के नीचे चले जाने से अधिकतर चापाकल भी बन्द हो जाते हैं। जिस वजह से लोगों के समक्ष पेयजल की समस्या गंभीर हो गई है। क्षेत्र के पेयजल संकट को समाप्त करने के लिए कैलाश सत्यार्थी चिल्ड्रेन्स फाउंडेशन ने स्वच्छता एवं पेयजल विभाग को खराब चापाकलों की मरम्मति के लिए सूची सौंपी थी। जिसके बाद विभाग के द्वारा खराब चापाकलों की मरम्मति का काम शुरू हो गया है।
विभाग को दी गई थी 109 खराब चापाकलों की सूची
इस संबंध में कैलाश सत्यार्थी चिल्ड्रेन्स फाउंडेशन ने के सहायक परियोजना पदधिकारी सुरेन्द्र कुमार त्रिपाठी ने बताया की इस बार संगठन के लोगों द्वारा प्रखंड अंतर्गत सभी 17 ग्राम पंचायतों में ग्राम स्तरीय सर्वे कर कुल 109 खराब पड़े चापाकलों की सूची तैयार की गई थी, जिसे स्वच्छता एवं पेयजल विभाग, गावां के कनीय अभियंता को सौंपा गया था। विभाग ने सूची के अनुसार खराब पड़े चापाकलों की मरम्मति का कार्य शुरू कर दिया है। बताया कि अबतक करीब 21 चापाकलों की मरम्मति भी हो चुकी है, शेष के अगले आठ से दस दिनों में ठीक होने की उम्मीद है।
इन क्षेत्रों के चापाकल की हुई मरम्मति
बताया गया कि शुक्रवार तक प्रखण्ड के निमाडीह, पसनौर, नगवां, जमडार और सांख पंचायत अंतर्गत बाल मित्र ग्राम तारापुर, गोरियाचू, तराई, लौरिया, राजपूरा, ककमारी और महुवरी के खराब चापाकलों की मरम्मति हो चुकी है। लंबे समय से खराब पड़े चापाकलों के मरम्मत हो जाने से ग्रामीणों और बच्चों को विशेष राहत मिली है।
इनकी रही सराहनीय भूमिका
खराब चापाकलों की सूची बनाने में युवा मंडल के अध्यक्ष रामविलाश सिंह, योगेंद्र राय, अमित यादव, रमेश हांसदा, जितेंद्र पंडित, बाबूलाल हेम्ब्रम, जितेंद्र सिंह, सत्यार्थी फाउंडेशन के उदय राय, मो आरिफ अंसारी, विरेंद्र यादव, विककू कुमार, कृष्णा पासवान, सुरेन्द्र सिंह, अनिल कुमार, श्रीराम कुमार, अमित कुमार, शिवशक्ति कुमार, राजेश शर्मा, भीम चैधरी, पंकज कुमार, वेंकटेश कुमार, संतीश कुमार, नीरज कुमार और प्रीति कुमार का विशेष योगदान रहा।