मुकदमे के विरोध में मुखिया, पंचायत सेवक व रोजगार संघ ने दिया धरना
- मुकदमा वापस नही हुआ तो देंगे सामुहिक इस्तिफा: मुखिया संघ
- मुकदमा वापस ले जिला प्रशासन अन्यथा मनरेगा कर्मी करेंगे राज्य भर में आंदोलन: एकलाल
गिरिडीह। मनरेगा योजना में जेसीबी मशीन के प्रयोग पर जिला प्रशासन द्वारा मुखिया, पंचायत सेवक और रोजगार सेवक पर दर्ज किये गए मुकदमे का विरोध शुरू हो गया है। बुधवार को गावां प्रखंड मुख्यालय में संयुक्त संघर्ष मोर्चा के बैनर तले गावां प्रखंड के सभी पंचायतों के मुखिया, रोजगार सेवक, पंचायत सेवक और जनसेवकों ने एकदिवसीय धरना देकर जिला प्रशासन को मुकदमा वापस लेने का अल्टिमेटम दिया। साथ ही जिला प्रशासन से अविलंब मुकदमा वापस लेने और भविष्य में भी मनरेगा योजना में अनियमितता पर मुखिया, रोजगार सेवक और पंचायत सेवक पर एफआईआर दर्ज नहीं हो इसकी गारंटी करने की मांग रखी गई।
कार्यक्रम को संबोधित करते हुए गदर पंचायत के मुखिया ब्रह्मदेव शर्मा ने कहा कि बगैर सूचना के सोशल ऑडिट किया गया और जिला प्रशासन को गलत रिपोर्ट सौंपा गया है। उसी रिपोर्ट के आधार पर जिला प्रशासन के निर्देश पर गावां प्रखंड के जमडार और सेरूआ पंचायत के मुखिया, रोजगार सेवक और पंचायत सेवक पर झूठा मुकदमा किया गया है। जबकि मनरेगा गाइडलाइन में मनरेगा में गड़बड़ी दिखने पर जुर्माना वसूला जाता है। जिला प्रशासन जल्द से जल्द मुकदमा वापस ले अन्यथा बाध्य होकर हमलोग सभी मुखिया मिलकर सामूहिक रूप से इस्तीफा दे देंगे।
कार्यक्रम को संबोधित करते हुए रोजगार सेवक संघ के प्रखण्ड अध्यक्ष एकलाल रविदास ने कहा कि सामाजिक अंकेक्षण की टीम ने मनमाने तरीके से गलत रिपोर्ट जिला प्रशासन को उपलब्ध कराया है। जिसके आधार पर जिला प्रशासन के निर्देश पर मुकदमा हुआ है। जबकि मनरेगा गाइडलाइन में कंही भी ऐसा प्रावधान नही की मनरेगा में किसी तरह के गलत कार्य होने पर राशि की रिकवरी के साथ साथ मुकदमा दर्ज किया जाए। बल्कि अगर मनरेगा कार्य मे गड़बड़ी दिखता है तो पैसे की रिकवरी किया जाता है या फिर जुर्माना वसूला जाता है। सोशल ऑडिट की टीम ने जिन योजनाओं में गड़बड़ी का रिपोर्ट सौंपा है, उन सभी योजनाओं को मनरेगा मजदूर से कराया गया है। उसके बाद भी मुकदमा किया गया। अगर जिला प्रशासन 11 मार्च तक मुकदमा वापस नही लेती है तो संयुक्त संघर्ष मोर्चा के बैनर तले जिला के सभी मुखिया, रोजगार सेवक और पंचायत सेवक गिरिडीह समाहरणालय में 12 मार्च को एक दिवसीय धरना देंगे। उसके बाद भी अगर हमारी मांगे पूरी नही हुई तो 15 मार्च से अनिश्चितकालीन कार्य बहिष्कार एक कलमबंद हड़ताल किया जाएगा। साथ ही पूरे राज्य में मनरेगा कर्मी आंदोलन करने को बाध्य हो जाएगी।