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गिरिडीह ननि में डोर-टू-डोर कूड़ा कलेक्शन की एजेंसी अकांक्षा कंपनी ने क्यों किया लाॅकडाउन, इसकी जानकारी अर्बन प्लाॅनर को भी नहीं

कंपनी के साईट प्रभारी पुराने सुपरवाईजर पर लगाते तो रहे आरोप, लेकिन कैमरे के सामने से आने कतराते रहे

हर रोज 50 टन कूड़ा उठाव करने वाली कंपनी के मनमाने रवैये से क्यों नाराज हुए अर्बन प्लाॅनर


गिरिडीहः
डोर-टू-डोर कूड़ा कलेक्शन के लिए चयनित एजेंसी अकांक्षा वेस्ट मैनेजमेंट ने बगैर जानकारी दिए लाॅकडाउन का घोषणा किया। तो गिरिडीह नगर निगम के साथ वैसे गृहमालिकों की परेशानी बढ़ गई। जो अब तक निगम के चयनित एजेंसी को भुगतान कर अपने घर और मुहल्ले को साफ रखते थे। लेकिन शनिवार को दुसरे दिन भी शहर के बस पड़ाव स्थित एजेंसी के प्लांट में काम ठप रहा। प्लांट के गेट बंद ही रहा। और गेट पर लाॅकडाउन का नोटिस शुक्रवार की तरह चिपका था। एजेंसी ने अचानक लाॅकडाउन का एलान क्यों किया? इसकी कोई जानकारी निगम के अर्बन प्लाॅनर मंजूर आलम को नहीं है। लेकिन कंपनी के साईट प्रभारी अजीत सिंह ने कंपनी के पुराने चारों सुपरवाईजर समेत चालक पर वित्तीय गड़बड़ी का आरोप लगाकर प्लांट लाॅकडाउन करने की बात कही। इन आरोपों को ही साईट प्रभारी को कैमरे के सामने आ कर बोलने को कहा गया। तो साईट प्रभारी लगातार टाल-मटोल करते दिखें। इधर अर्बन प्लाॅनर मंजूर आलम कंपनी के साईट प्रभारी अजीत सिंह के इस रवैये को लेकर इतने नाराज दिखें कि वे शोकाॅज कर लाॅकडाउन करने का कारण जानने की बात कहा। यही नही अर्बन प्लाॅनर ने यह भी कहा कि अगर शोकाॅज का सही जवाब नहीं मिला। तो सख्त कार्रवाई तय है। क्योंकि निगम को हर हाल में शहर साफ-सुंदर चाहिए। वैसे अर्बन प्लाॅनर का यह भी आरोप है कि कंपनी की घोषणा के बाद कई बार साईट प्रभारी से संपर्क कर चुके है। लेकिन कोई संपर्क नहीं हुआ है।
बहरहाल, यह तो बात हुआ कंपनी के मनमाने रवैये के खिलाफ निगम की कार्रवाई की शुरुआत का। लेकिन निगम सूत्रों की मानें तो अकांक्षा एजेंसी अब गिरिडीह नगर निगम इलाके में डोर-टू-डोर कूड़ा कलेक्शन करने की इच्छुक नहीं रह गई हैं। इसकी वजह क्या है। यह तो फिलहाल स्पस्ट नहीं हो पाया है। लेकिन शनिवार को जब कंपनी के साईट प्रभारी अजीत सिंह से लाॅकडाउन के वजह का कारण पूछा गया। तो साईट प्रभारी ने दावा करते हुए कहा कि सोमवार तक सब समान्य हो जाएगा।


साईट प्रभारी ने लाॅकडाउन किए जाने का कारण पूछने पर स्पस्ट तौर पर कहा कि साल 2017 से कंपनी निगम के 36 वार्ड के हर वार्ड से करीब 400 सौ से 500 सौ घरों से कूड़ा कलेक्शन के काम में जुटी हुई है। औसतन, हर रोज 50 टन कूड़ा कलेक्शन होता है। इसे कंपनी को होने वाले कमाई में कंपनी के पुराने सुपरवाईजर बड़े पैमाने पर चूना लगा रहे है। 36 वार्ड के लिए हर रोज 30 से 35 वाहन और 125 से 130 सफाई कर्मी निकलते है। तो कंपनी के चारों पुराने सुपरवाईजर 40 से 45 वाहनों के डीजल का बिल तैयार कराते हैै। लिहाजा, इस पूरे वित्तीय गड़बड़ी को खंगाला। इसके बाद तय किया कि जब तक चारों पुराने सुपरवाईजर श्मसेर अली, श्मसेर अहमद खान और उमेश पासवान समेत एक अन्य को कंपनी हटा नहीं देगी। तब तक कंपनी के प्लांट में लाॅकडाउन जारी रहेगा। इसके लिए कंपनी ने निगम के साथ डीसी-एसपी और श्रम विभाग को पत्राचार कर चुका है।

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