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हत्या के मामले में गिरिडीह कोर्ट के अदालत ने छह साल बाद पांच आरोपियों को सुनाया आजीवन कारावास की सजा

गिरिडीहः
जमीन विवाद में छह साल पहले हुए हत्या के एक मामले में गिरिडीह कोर्ट के एक अदालत ने पांच आरोपियों को आजीवन कारावास का सजा सुनाया। तो पांचो आरोपियों पर अलग-अलग धाराओं में 10 और 5 हजार-हजार का जुर्माना भी लगाया। बुधवार को गिरिडीह कोर्ट के तृतीय अपर जिला एंव सत्र न्यायधीश एस. एन सिकदर के कोर्ट ने हत्या के धारा 302 में आरोपी प्रकाश यादव, द्वारिका यादव, फाल्गुनी यादव, भरत यादव समेत एक अन्य को आजीवन कारावास के साथ 10-10 हजार का जुर्माना लगाया। जबकि धारा 324 में दो साल की सजा के साथ 5-5 हजार का जुर्माना लगाया है। तृतीय अपर जिला एंव सत्र न्यायधीश की अदालत ने पांचो आरोपियों को सजा सुनाते वक्त सभी सजाएं साथ-साथ चलाने का निर्देश दिया। हालांकि आरोपियों के अधिवक्ता बालगोंविद साहु ने कोर्ट से सजा कम करने का अपील किया। जबकि सरकारी वकील सुधीर कुमार ने बचाव पक्ष के अधिवक्ता के अपील पर जोरदार तरीके से बहस किया। तो जमीन विवाद में हुए हत्या को तृतीय अपर जिला एंव सत्र न्यायधीश की अदालत ने अपील को यह कहकर मानने से इंकार कर दिया कि पुलिस के एफआईआर के अनुसार विनोद यादव की हत्या पांचो आरोपियों ने काफी निर्ममता के साथ किया था। लिहाजा, कोर्ट किसी तरह से हत्या के इस मामले में आरोपियों के प्रति दया की उम्मीद नहीं करती। इधर सजा सुनाने के दौरान पांचो आरोपियों के परिजनों ने जब सजा सुनी, तो फूट-फूट कर रोने लगे।
जानकारी के अनुसार साल 2016 में गिरिडीह के मुफ्फसिल थाना क्षेत्र के कजरो गांव में जमीन विवाद को लेकर गांव के ही विनोद यादव की हत्या पांचो आरोपियों ने साजिश के तहत कर दिया था। घटना के बाद पुलिस भी गांव पहुंची, और पूरे मामले की जांच में जुटी थी। जिस कजरो गांव में हत्या की घटना हुई थी। वह गांव पहले मुफ्फसिल थाना क्षेत्र में पड़ता था। वहीं अब इलाका पचंबा थाना क्षेत्र के अधीन है। घटना के बाद मृतक के भाई हरिहर यादव ने मुफ्फसिल थाना में पांचो आरोपियों के खिलाफ केस दर्ज कराया था। केस दर्ज होने के बाद पुलिस ने पांचो आरोपियों को गिरफ्तार कर जेल भेजा। वहीं छह साल बाद मामले में तीन दिन पहले पांचो आरोपियों पर आरोप गठित हुआ। और सजा सुनाई गई।

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