कोरोना वैक्सीन को लेकर गिरिडीह स्वास्थ विभाग प्राथमिकता के आधार पर 11 हजार लोगों की लिस्ट अपटूडेट करने में जुटा
48 घंटे में लिस्ट नहीं भेजने वाले प्राईवेट नर्सिंग होम के निबंधन रद्द करने का निर्देश
प्रशासन और पुलिस विभाग फिलहाल प्राथमिकता लिस्ट से बाहर
मनोज कुमार गिरिडीहः
पीएम मोदी ने कोरोना वैक्सीन को लेकर लगातार उठ रहे सवालों पर विराम लगा दिया। ऐसे में लोग भी अब उम्मीद कर रहे है कि अगले कुछ दिनों के भीतर वैक्सीन हर आम व खास तक पहुंच जाएगा। लिहाजा, वैक्सीन को लेकर सारे संशय खत्म होते देख अब गिरिडीह स्वास्थ विभाग भी प्राथमिकता के आधार पर वैक्सीन लगने वालों की सूची तैयार करने में जुटा हुआ है। स्वास्थ विभाग के सूत्रों की मानें तो गिरिडीह जिले में करीब 11 हजार वैसे कोरोना यौद्धाओं को वैक्सीन दिया जाएगा। जो लगातार आठ महीनें से कोरोना संक्रमितों के बीच काम कर रहे है। हालांकि इस प्राथमिकता सूची से प्रशासन और पुलिस विभाग को फिलहाल बाहर ही रखा गया है। स्वास्थ मंत्रालय के निर्देश पर गिरिडीह स्वास्थ विभाग ने जिन 11 हजार लोगों की सूची अपटूडेट करने की तैयारी में है। उसमें पांच हजार के करीब आंगनबाड़ी सेविका-सहायिका, जिले की तीन सौ से अधिक एएनएम, 25 सहिया, 57 सरकारी चिकित्सकों के अलावे पांच हजार से अधिक स्वास्थ कर्मी शामिल है। स्वास्थ विभाग के सूत्रों की मानें तो स्वास्थ कर्मियों में एबूंलेस चालक, नर्स, पारा मेडिकल कर्मी, स्वाब लेने वाले स्वास्थ कर्मी और स्वास्थ विभाग के विभिन्न कार्यालय के कर्मी शामिल है। स्वास्थ विभाग के सूत्रों की मानें तो अब स्वास्थ विभाग जिले के प्राईवेट नर्सिंग होम के चिकित्सक, नर्सेज, स्वास्थ कर्मियों की सूची अपटूडेट करने में जुटा हुआ है। हालांकि सूत्र यह भी बता रहे है कि अब तक 27 नर्सिंग होम की सूची तैयार हो चुकी है। इसमें 13 नर्सिंग होम शहरी क्षेत्र के शामिल है। सूत्रों के अनुसार स्वास्थ मंत्रालय के निर्देश पर ही सिविल सर्जन ने शुक्रवार के डेट से अगले 48 घंटे के भीतर जिले के उन तमाम प्राईवेट नर्सिंग होम के संचालकों और चिकित्सकों को सूची सौंपने को कहा। जिन्होनें अब तक स्वास्थ विभाग को लिस्ट नहीं दिया है कि उनके यहां कितने चिकित्सक, नर्से, और स्वास्थ कर्मी है। जिन्हें वैक्सीन दिया जाना है। स्वास्थ मंत्रालय ने गिरिडीह स्वास्थ विभाग को सख्त निर्देश भी दिया है कि अगले 48 घंटे के भीतर लिस्ट नहीं भेजने वाले नर्सिंग होम के नाम भी उपलब्ध कराएं। जिसे उनके निबंधन को स्थायी तौर पर रद्द किया जा सकें।