गैर मजरूआ भूमि से संबंधित मामले की जांच के लिए पांच सदस्यीय टीम गठित
प्रतिबंधित भूमि की रजिस्ट्री पर लगी रोक को पूर्णतः अनुपालन कराये: डीसी
कोडरमा। उपायुक्त रमेश घोलप विकास योजनाओं को धरातल पर उतारने के लिए हमेशा से तत्पर रहे हैं। धरातलीय विकास का आधारभूत संरचना खड़ा करने में भूमि का महत्व बहुत ज्यादा होता है। सरकारी भूमि हो या आम जन का निजी जमीन जब कभी भी उनके संज्ञान में आया कि उसे अवैध तरीके से भू माफियाओं द्वारा भूमि का अतिक्रमण कर खरीद फरोख्त की जा रही है। वह त्वरित उचित कार्रवाई कर लोगों को न्याय दिलाते रहे हैं। वे समय-समय पर क्षेत्र भ्रमण कर स्वयं भूमि संबंधी मामलों का जायजा लेते हैं। इसी क्रम में गत 6 मार्च 2021 को वे जिले के नगर परिषद झुमरीतिलैया के क्षेत्रों का निरीक्षण करने निकले। इस शहरी निकाय के गुमों, नवादा, झलपो के साथ-साथ इनसे जुड़े अन्य गैरमजरूआ भूमि पर भू माफियाओं द्वारा अवैध निर्माण का मामला संज्ञान में आया। उनके द्वारा पूछताछ के क्रम में पता चला कि असामाजिक तत्व फर्जी इकरारनामा बनाकर ऐसे जमीन की खरीद बिक्री कर रहे हैं। साथ ही, उनके इस प्रकार के कृत्य से आमजन दिग्भ्रमित भी हो रहे हैं।
विदित हो कि आए दिन जिले के सरकारी विभागों द्वारा अपना कार्यालय एवं अन्य सरकारी भवनों के निर्माण के लिए जिला प्रशासन से भूमि चिन्हित कर अधियाचित की जाती रही है और ऐसे में उनके लिए जमीन का न मिलना काफी खेदपूर्ण होता है, जबकि सरकारी या गैर मजरूआ भूमि को भूमाफिया धड़ल्ले से गलत इकरारनामा के आधार पर बेच रहे हैं। उपायुक्त घोलप ने बताया कि भूमि के हस्तांनातरण एवं खरीद बिक्री के लिए संबंधित क्षेत्रों के राजस्व से जुड़े पदाधिकारी एवं कर्मी पूर्णरूपेण उत्तरदायी होते हैं। ऐसे में उनके कार्य प्रणाली भी संदेह के घेरे में आते हैं।
उपायुक्त ने गैर मजरूआ भूमि से संबंधित मामले की जांच के लिए जिले में अपर समाहर्ता अनिल तिर्की की अध्यक्षता में पांच सदस्यीय टीम गठित की है। इस टीम के अन्य सदस्य अनुमंडल पदाधिकारी, अनुमंडल पुलिस पदाधिकारी, जिला अवर निबंधक और अंचल अधिकारी कोडरमा है। उपायुक्त घोलप ने इस टीम को निर्देशित किया है कि वे प्रतिबंधित भूमि की रजिस्ट्री पर लगी रोक को पूर्णतः अनुपालन कराएंगे। साथ ही पूर्व के ऐसे मामले में संलिप्त पाए गए लोगों पर आवश्यक कानूनी कार्रवाई करेंगे। उन्होंने कहा कि अवैध अतिक्रमण किए गए भूमि को चिन्हित कर, उनको विमुक्त करने का अभियान भी चलाएंगे। उपायुक्त ने बताया कि विगत 10 वर्षों में निबंधन कार्यालय कोडरमा द्वारा यदि कतिपय लोगों के गलत इकरारनामा द्वारा पावर ऑफ एटोरनी के आधार पर भूमि का निबंधन किया गया है, तो इसे रद्द करने के लिए विधि सम्मत कार्रवाई की जाएगी। उपायुक्त ने कहा कि भूमि की अवैध हस्तांनातरण में संलिप्त सभी लोगों पर कार्रवाई की जाएगी। ऐसे में चाहे वह सरकारी पदाधिकारी या कर्मी ही क्यों ना हो विधि का प्रावधान सभी लोगों के लिए एक समान है।