जिलाध्यक्ष से नाराज भाजपा की महिला नेत्रियों समेत पांच ने गिरिडीह भाजपा के पद से दिया इस्तीफा, पार्टी को लगा बड़ा झटका
प्रर्देश नेत्तृव के निर्देश पर सुलह कराने भेजे पूर्व विधायक स्वर्णकार को पार्टी में कोई फेरबदल नहीं होने का मिला स्पस्ट संकेत
संकेत मिलने के बाद नाराज भाजपाईयों को कहीं से नहीं मिल रहा कोई तवज्जो
मनोज कुमार पिंटूः
गिरिडीह भाजपा की अदुंरुनी कलह अब इस्तीफों का रुप ले चुका है। जिलाध्यक्ष महादेव दुबे और जिला कमेटी से नाराज चल रहे भाजपाईयों में महिला मोर्चा की प्रेमा तिवारी, नीतू शोला, किरण पांडेय के अलावे पूर्व जिला मंत्री सुनीत कुमार सिंह ने रविवार को पार्टी के पद से इस्तीफा दे दिया। हालांकि इस्तीफा देने वालों में भाजपाईयों ने सिर्फ पद से इस्तीफा दिया है ना कि पार्टी के प्राथमिक सदस्यता से। वैसे शनिवार को ही सदर प्रखंड के सीसीएल के बनियाडीह इलाके से पार्टी को मजबूत करने वाले जिला कार्यसमिति सदस्य मनोज सिंह ने भी इस्तीफा दिया था। इसे पहले रविवार को इन भाजपाईयों ने बोड़ो स्थित एक मकान में गोपनीय बैठक की। और जिलाध्यक्ष समेत जिला कमेटी के खिलाफ लड़ाई का नया रणनीति तैयार किया। इस्तीफा देने वाले नाराज भाजपाईयों के कारण भाजपा को गिरिडीह में आने वाले दिनों में किसी बड़े नुकसान की संभावना से इंकार नहीं किया जा सकता। इधर इस्तीफा देने वाले पार्टी के इन पदाधिकारियों के साथ गोपनीय बैठक में गांडेय प्रखंड से सक्रिय भाजपाई भी शामिल थे। माना जा रहा है कि गांडेय के ये सक्रिय कार्यकर्ता भी जल्द पार्टी के प्राथमिक सदस्यता से इस्तीफा दे सकते है।
वैसे नाराज भाजपाईयों ने अगर पद से इस्तीफा दिया है तो कोई हैरानी वाली बात नहीं है। क्योंकि करीब तीन माह से पार्टी की लड़ाई सार्वजनिक होने के साथ सड़क पर आ चुका था। लेकिन जिलाध्यक्ष समेत वरीय नेताओं की अनदेखी ने इन नाराज पदाधिकारियों केे आक्रोश को और बढ़ा दिया था। लिहाजा, माना जा रहा है कि दो दिनों से जारी इस्तीफे का दौर आगे भी जारी रह सकता है। और आने वाले दिनों में पार्टी के कई दिग्गज चेहरे पार्टी से खुद को अलग कर दुसरे दल का दामन थाम सकते है। क्योंकि पिछले तीन महीनें से यही नाराज भाजपाई लगातार जिलाध्यक्ष व उनके द्वारा जारी जिला कमेटी के लिस्ट पर सवाल उठा रहे है। तो प्रर्देश नेत्तृव को भी अपना दुखड़ा सुनाकर थक चुके है। लेकिन प्रर्देश नेत्तृव तो दूर पूर्व सांसद और पूर्व विधायक भी इनका दुखड़ा सुनने के लिए पहल नहीं किया।
बहरहाल, गिरिडीह के अर्तंकलह का असर राज्य के दुसरे जिलों में नहीं पड़े। इसे देखते हुए प्रर्देश नेत्तृव ने आनन-फानन में सुलह कमेटी का गठन किया। और पार्टी के पुराने वफादार नेता व पूर्व विधायक लक्ष्मण स्वर्णकार को नाराज कार्यकर्ताओं व जिला कमेटी के बीच सुलह कराने का नया फार्मूला देकर गिरिडीह भेजा। पार्टी सूत्रों की मानें तो प्रर्देश नेत्तृव ने सुलह कराने का जिम्मा दिए पूर्व विधायक लक्ष्मण स्वर्णकार को इशारों में स्पस्ट भी कर दिया कि महादेव दुबे को जिलाध्यक्ष से मुक्त नहीं करेगी। और ना ही जिलाध्यक्ष द्वारा जारी लिस्ट में आने वाले दिनों में कोई फेरबदल ही किया जाएगा। प्रर्देश नेत्तृव ने सुलह का जिम्मा सौंपने के साथ पूर्व विधायक को संकेत में यह भी स्पस्ट कर दिया कि जिन्हें इस्तीफा देना है वो दे सकते है। लेकिन प्रर्देश नेत्तृव कोई फेरबदल करने नहीं जा रहा है। इसके पीछे कारण कोडरमा की सांसद सह पार्टी की राष्ट्रीय उपाध्यक्ष अन्नपूर्णा देवी और विधायक दल के नेता बाबूलाल मंराडी का जिलाध्यक्ष के प्रति साॅफ्ट रवैया बताया जा रहा है। पार्टी सूत्र यह भी बता रहे है कि इन दोनों ने जिलाध्यक्ष की कुर्सी सुरक्षित करने की सिफारिश प्रर्देश नेत्तृव के पास किया था। और यही वजह है कि नाराज भाजपाईयों को अब पूर्व सांसद और पूर्व विधायकों ने तवज्जो देना बंद कर दिया है।