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मानदेय भुगतान के लिए पोषण सखी संघ ने किया रोषपूर्ण प्रदर्शन

  • हेमंत सरकार के खिलाफ लगाये नारे
  • पोषण सखी को मिले सेविका का दर्जा: संजय पासवान

कोडरमा। छः माह से मानदेय नहीं मिलने पर समाहरणालय पर आंगनबाड़ी पोषण सखी समन्वय समिति (सीटू) के बैनर तले पोषण सखी ने प्रदर्शन किया। प्रदर्शन के माध्यम से बकाया मानदेय का भुगतान जल्द करने, स्थायीकरण की गारंटी, सेविका के समकक्ष मानदेय, समान काम का समान वेतन देने की मांग की करते हुए हेमन्त सरकार होश मे आओ सरीखे नारे लगाये गये।
प्रदर्शन स्थल पर जरीना खातून की अध्यक्षता व गायत्री पासवान के संचालन में हुई सभा में सीटू राज्य कमिटी सदस्य संजय पासवान ने पोषण सखी को आंगनबाड़ी सेविका का दर्जा दिए जाने की मांग करते हुए कहा कि आंगनबाड़ी पोषण सखी को सरकार के द्वारा उचित सम्मान नहीं मिल रहा है। पांच साल पहले झारखंड के अतिकुपोषित छः जिलों दुमका, गोड्डा, धनबाद, गिरिडीह, चतरा और कोडरमा के करीब दस हज़ार आंगनबाड़ी केंद्रों में अतिरिक्त सेविका के रूप में पोषण सखी की बहाली हुई थी, लेकिन आज तक इनके लिए सरकार ने न कोई नियमावली बनाई और न ही पहचान के लिए कोई ड्रेस मिला और न ही मानदेय में कोई बढ़ोतरी हुई। वहीं दूसरी तरफ राज्य सरकार द्वारा आवंटन नहीं मिलने के कारण छः माह यानी मार्च महीने से पोषण सखी को मानदेय का भुगतान नहीं हुआ है। जबकि आंगनबाड़ी सेविका सहायिका को तीन माह का मानदेय भुगतान मिला है। सभी पोषण सखी गरीब परिवार से है, आज उनके सामने भूखमरी की स्थिति हो गई है।


कहा कि हेमन्त सरकार अपने घोषणा पत्र में किए गए वादे से मुकर रही है। आज भी आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं को न्यूनतम मज़दूरी नहीं मिल रही है। कोरोना काल में आंगनबाड़ी बंद होने के बावजूद सेविका सहायिका पोषण सखी से बिना सुरक्षा के लगातार सरकार के द्वारा काम लेती रही है। लेकिन न ही उचित मजदूरी और न ही समय पर मानदेय मिलता है। इसलिए इनकी एकता को मज़बूत कर आंदोलन को तेज करना होगा। अगर पोषण सखी के बकाया मानदेय का भुगतान जल्द नहीं हुआ तो रांची में मुख्यमंत्री का घेराव किया जायेगा।


प्रदर्शन में जरीना खातून, गायत्री पासवान, पिंकी कुमारी, फरहत आसमीन, निशा भारती, सुलेखा वर्मा, रजनी कुमारी, उर्मिला देवी, सुनीता देवी, पिंकी कुमारी, सुमन कुमारी, नाहिद अख़्तर, आरती देवी, अंजु देवी, रिंकी देवी, नूरजहां प्रवीण, लक्ष्मी कुमारी, कुमारी सरस्वती, सुवंती कुमारी सहित दर्जनों पोषण सखी मौजूद थी।

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