गिरिडीह के पीरतांड के पालगंज में जमीन विवाद के कारण पिता ने तीन बेटों के साथ किया चौथे बेटे की हत्या
गिरिडीह
जमीन विवाद में पुरानी रंजिश को लेकर गिरिडीह के पीरतांड थाना इलाके के पालगंज़ के महादेवडीह गांव में मंगलवार को एक ही परिवार के सदस्यों में हुए हिंसक झड़प के दौरान तलवार चला। जिसमे 51 वार्सिया राजेंद्र स्वर्णकार की मौत गिरिडीह सदर अस्पताल में इलाज के दौरान हो गया। तो मृतक के दो बेटे संजय और संदीप स्वर्णकार को भी गंभीर चोटे आई है। क्योंकि तीनो के सिर पर आरोपियों ने तलवार से वार किया।फिलहाल दोनो बेटों का इलाज सदर अस्पताल में चल रहा है। घटना के बाद से मृतक के परिजनों भी अस्पताल में सभी दोषियों के खिलाफ सजा की मांग करते हुए रोते रहे। घटना के बाद सभी आरोपी फरार बताए जा रहे है। जानकारी के अनुशार दो दिन पहले ही मृतक ने अपने सगे भाइयों पर घर में घुसकर चोरी करने का आरोप लगाकर थाना में आवेदन दिया था। संभवत ये भी मृतक के हत्या का एक वजह के रूप में सामने आ रहा है। वैसे राजेंद्र स्वर्णकार की हत्या में मृतक के पिता कैलाश स्वर्णकार का नाम भी सामने आया है। जबकि आरोपी पिता कैलाश के साथ मृतक के सगे भाई और कैलाश के अन्य बेटे सुमन स्वर्णकारए सुजीत स्वर्णकारए अजीत स्वर्णकार मंगलवार दोपहर 12 बजे को अचानक सभी महादेवदीह गांव के मृतक के उसी विवादित घर पहुंचे। जिस घर को लेकर लेकर सालो से विवाद चल रहा था। इस दौरान घर घुसते ही राजेंद्र समेत उसके बड़े बेटे संजय के साथ मारपीट करना शुरू कर दिया। इस दौरान सभी आरोपी तलवार लिए हुए थे। लिहाजाए सभी ने पिता पुत्र पर तलवार से वार करना शुरू कर दिया। जबकि घर में राजेंद्र की पत्नी और उसकी बहू भी थी। मृतक की पत्नी ने जब देखा की उसके ससुर अपने बेटो के साथ उसके पति और बड़े बेटे संजय को मार रहे है। तो मृतक की पत्नी ने फोन कर अपने छोटे बेटे संदीप को बुला ली। इसके बाद दोनो और से जमकर मारपीट हुआ। जिसमे राजेंद्र और संजय के सिर पर तलवार से गंभीर चोट लगने के बाद दोनो वही गिर पड़े। इस दौरान घटना की जानकारी पीरटांड़ थाना पुलिस को मिलने के बाद पुलिस भी घटनास्थल पहुंची। और दोनो को इलाज के लिए सदर अस्पताल पहुंचाया। जहा चितिष्क द्वारा जांच के दौरान राजेंद्र के मौत की पुष्टि किया।
वैसे पालगंज के महादेवदीह गांव के जिस जमीन को लेकर पिता ने अपने तीन बेटो के साथ चौथे बेटा और पोते पर तलवार से वार किया। वो जमीन मृतक और उसका परिवार सालो से अपना बताकर रहता आ रहा था। उस जमीन पर मृतक राजेंद्र स्वर्णकार और उसके परिवार के सदस्य सालो से रहते आ रहे थे। तो दूसरी तरफ मृतक के पिता कैलाश स्वर्णकार और उसका सगा भाई इसी महादेवडीह के जमीन पर अपने बेटे और पोटो के रहने का विरोध करते रहे। लिहाजाए राजेंद्र और उसके परिवार के सदस्यों के विवाद चल रहा था। इसी क्रम में मंगलवार को ये घटना हुई।