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कृषि बिलों के कारण जनवितरण प्रणाली सिस्टम होगा ध्वस्त, खाद्य पद्धार्थ का मूल्य अडानी-अंबानी करेगें तयः राजकुमार यादव

बालू-कोयले पर हेंमत सरकार के नीलामी की प्रकिया भी अवैध कारोबारियों के इशारे परः राजेश यादव

लालू यादव की रिहाई के लिए अब गिरिडीह भाकपा माले शुरु करेगी लालू रिहाई न्याय अभियानः राजेश सिन्हा

गिरिडीहः
समाजिक न्याय की लड़ाई लड़ने वाले राजद सुप्रीमो को भाजपा और केन्द्र की मोदी सरकार साजिश कर जेल में रखे हुए है। ऐसे में भाकपा माले की गिरिडीह कमेटी आगामी 10 फरवरी को लालू रिहाई न्याय मंच अभियान का शुरुआत करेगी। माले के पूर्व विधायक राजकुमार यादव, राजेश यादव और राजेश सिन्हा ने यह बातें शुक्रवार को प्रेसवार्ता के दौरान कहा। पूर्व विधायक ने कहा कि माले का मानना है कि समाजिक न्याय की लड़ाई लड़ने वालों को इंसाफ मिलना चाहिए। लेकिन भाजपा व मोदी सरकार साजिशन लालू यादव की जमानत होने नहीं दे रही। प्रेसवार्ता के दौरान पूर्व विधायक के साथ माले नेता राजेश यादव ने कहा कि एक तरफ भाजपा सरकार में रोजगार का अकाल पड़ चुका है। इसके बाद अब हेंमत सरकार बालू, कोयला पर सख्ती कर गांव के युवाओं से उनका रोजगार छीन रही है। बालू और कोयला के अवैध कारोबार में शामिल बड़े धंधेबाजों को हेंमत सरकार व स्थानीय प्रशासन की कार्रवाई हो नहीं पा रही है। लेकिन कार्रवाई के दायरे में छोटे स्तर के ग्रामीण युवा जरुर आ रहे है। पूर्व विधायक ने हेंमत सरकार द्वारा बालू और पत्थर खदानों पर ला रहे नीलामी की प्रकिया को भी गलत बताते हुए कहा कि यह प्रकिया राज्य के बेरोजगार युवाओं के लिए सही नहीं है। प्रकिया पश्चिम बंगाल सरकार के तर्ज पर हेंमत सरकार लाएं। जिसे स्थानीय स्तर पर बेरोजगार युवकों को रोजगार मिल सकें।
दिल्ली में लगातार दो महीनें से चल रहे किसान आंदोलन के मुद्दे पर ही पूर्व विधायक राजकुमार यादव ने प्रेसवार्ता के दौरान कहा कि तीनों कृषि बिलों से किसानों को फायदा क्या है यह समझाने में खुद भाजपा अब तक नाकाम रही है। लेकिन किसानों के साथ जनता को नुकसान क्या हुआ है यह स्पस्ट करने के लिए भाकपा माले तैयार है। तीनों बिलों को पूंजीपतियों के इशारे पर लाया गया कानून बताते हुए पूर्व विधायक ने कहा कि इन कानूनों से न्यूनतम समर्थन मूल्य के साथ जनवितरण प्रणाली व्यवस्था चाौपट होने जा रही है। जाहिर है कि जब जनवितरण प्रणाली सिस्टम खत्म होगा। तो फिर से देश के 86 प्रतिशत लोग भूखे रहने के लिए मजबूर होगें। पूर्व विधायक दो महीनें से चल रहे किसान आंदोलन के कारण के हालात की तुलना 1974 से करते हुए कहा कि 26 किसान नेताओं पर देशद्रोह का मुकदमा कर दिया गया। कहा कि बिलों के कारण अनाज भंडारण की व्यवस्था खत्म होगी, और अडाणी-अंबानी के हाथ में हर जरुरत के खाद्य पद्धार्थ का मूल्य नियंत्रण में रहेगा।

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