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एफपीओ के अनुसूचित जाति किसानों के बीच कृषि यंत्र का हुआ वितरण

  • जैविक खाद बनाने का दिया गया प्रशिक्षण
  • अपने-अपने घरों में वर्मी बेड बनाकर खाद तैयार करें किसान: डॉ देवकांत

गिरिडीह। नाबार्ड प्रायोजित एफपीओ के अनुसूचित जाति किसानों को बुधवार को कृषि विज्ञान केंद्र बेंगाबाद में कार्यक्रम आयोजित कर किसानों को कृषि औजार और वर्मी कम्पोस्ट बनाने का बेड मुहैया कराया गया। इस दौरान अनुसूचित जाति के 70 किसानों के बीच कृषि यंत्र का वितरण करने के साथ ही किसानों को कृषि कार्य के आधुनिक तकनीक की जानकारी दी गई।

मौके पर कृषि विज्ञान केन्द्र के वैज्ञानिक डॉ देवकांत प्रसाद ने कहा कि एफपीओ के किसानों को आधुनिक खेती और जैविक खेती का प्रशिक्षण दिया गया है, किसानों को इसका बहुत लाभ मिलेगा। कहा कि नाबार्ड से जुड़े अनुसूचित जाति वर्ग के किसानों के उत्थान के लिए कृषि यंत्र का वितरण किया गया। ताकि अनुसूचित जाति के किसान खेती कार्य कर आत्मनिर्भर बन सकें।


इस दौरान वर्मी कम्पोस्ट खाद बनाने और उसका उपयोग करने की विस्तार से जानकारी दी गई। उन्होंने कहा कि वर्मी कम्पोस्ट घरों में पाए जाने वाले अपशिष्ट पदार्थाे से बनता है। इसके उपयोग से उपज बेहतर और पोषण से भरपूर होता है। कहा कि किसान अपने-अपने घरों में वर्मी बेड बनाकर खाद तैयार करें। प्रयोग के तौर पर उक्त खाद को सब्जी और गमला में लगाये जाने वाली फसलों में करें बेहतर नतीजे सामने आएंगे। किसानों के बीच वर्मी बेड का भी वितरण किया गया।


नाबार्ड के डीडीएम आशुतोष प्रकाश ने बताया कि किसान उत्पाद समूह का जिले में गठन किया गया है। इस कार्यक्रम में सात प्रखंडो के 20 एफपीओ से जुड़े 70 अनुसूचित जाति के किसानों के बीच कृषि यंत्र का वितरण किया गया। अनुसूचित जाति उपयोजना के तहत यंत्र वितरण के दौरान वर्मी कम्पोष्ट पीट को तैयार करने की विधि के साथ साथ केवीके में पूर्व से बने बेड का विजिट भी कराया गया। उन्होंने कहा कि किसान जैविक खेती को अपनायें। जैविक खाद बनाने में कम लागत और अधिक उपज होगी। आवश्यक पोषक तत्व से भरपूर उत्पाद भी मिलेगा। उन्होंने बताया कि वर्मी कम्पोष्ट में पैदावार अधिक बढ़ाने की क्षमता होती है।


मौके पर प्रबंधक मधुकर कुमार, युगल भारती, आइडिया के संतोष पाण्डेय, जमडीहा एफपीओ के डायरेक्टर महेन्द्र शर्मा, केन्दुआ एफपीओ के डायरेक्टर पवन वर्मा, रंजीत मण्डल, अर्जुन मंडल, शिव कुमार हजरा, बलराम हजरा, हरिहर हजरा, लाक्षो हजरा सहित कई किसान मौजूद थे।

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