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बोड़ो में एक बिल्डिंग का गेट था भीतर से बंद, फर्जी क्लिनिक बताकर कर दिया दडांधिकारी ने सील

सिविल सर्जन को मिले शिकायतों के आधार पर सदर एसडीएम के निर्देश पर किया गया सील

सील करने पहुंचे पदाधिकारी का दावा क्लिनिक में गैरकानूनी तरीके से किया जाता था भ्रूण जांच

गिरिडीहः
सिविल सर्जन के शिकायत पर कार्यपालक दडांधिकारी धीरेन्द्र कुमार ने गुरुवार को गिरिडीह शहर के बोड़ो में संचालित फर्जी प्रीति क्लिनिक को सील कर दिया। सील करने की कार्रवाई क्लिनिकल स्टीबिलसमेंट एक्ट के तहत किया गया। दडांधिकारी के साथ पचंबा थाना के एसआई मुंशी यादव भी कार्रवाई में शामिल थे। सदर एसडीएम प्रेरणा दीक्षित के निर्देश पर हुए कार्रवाई को लेकर बताया जा रहा है कि प्रीति क्लिनिक फर्जी तरीके से संचालित था। कार्रवाई के दौरान पदाधिकारियों को यह भी जानकारी नहीं मिल पाया कि प्रीति क्लिनिक का संचालक कौन था। क्योंकि जिस वक्त सील किए जाने की कार्रवाई हुई। उस वक्त भी क्लिनिक का मेन गेट भीतर से बंद पड़ा था। पदाधिकारियों द्वारा इस दौरान क्लिनिक को खुलवाने का काफी प्रयास किया गया। लेकिन मेन गेट ही भीतर से बंद था। लिहाजा, कार्रवाई में शामिल पदाधिकारी भी नहीं देख पाएं कि क्लिनिक में उपकरण क्या-क्या है, इसका संचालक कौन है और क्लिनिक के बिल्डिंग की संरचना किस प्रकार की है। यह वाकई में मेन गेट के भीतर बिल्डिंग में कोई क्लिनिक संचालित भी है या, सिविल सर्जन को किसी ने भ्रामक जानकारी दिया। क्योंकि मेन गेट के बाहर कोई बोर्ड भी लगा नहीं पाया गया। जिसे जानकारी मिल सके, कि गेट के भीतर बड़े बिल्डिंग में क्या वाकई फर्जी क्लिनिक चल रहा था।

वैसे सील करने की कार्रवाई करने गए दडांधिकारी धीरेन्द्र कुमार ने दावा करते हुए कहा कि मेन गेट के भीतर फर्जी क्लिनिक संचालित था। और इस क्लिनिक को लेकर सिविल सर्जन को शिकायत मिल रही थी। शिकायतों की जांच हुई, तो पाया गया कि क्लिनिक अवैध है। और क्लिनिक में गैरकानूनी तरीके से भ्रूण जांच किया जाता है। यही नही जांच में फीमेल पाएं जाने पर गर्भपात जैसे कार्य भी गैरकानूनी तरीके से किया जा रहा है। दडांधिकारी ने कार्रवाई के दौरान बताया कि क्लिनिक संचालक काफी पहले से फरार चल रहे है। इसे पहले भी अधिकारी कार्रवाई के लिए पहुंचे थे। लेकिन कुछ हासिल नहीं हुआ।

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