रंजीत और मुस्कान हत्याकांड के खिलाफ बजरंग कृपा संघ ने किया सभा का आयोजन
- हाथ में तख्ती लिए ग्रामीणों ने पुलिस से मांगा इंसाफ
- कोयला चोरो से वसूली के बाद शायद मुफ्फिसल थाना की टूटे नींद टूटे: विभाकर पांडेय
गिरिडीह। ग्राफिक्स डिजाइनर 27 वर्षिय रंजीत साव और छात्रा मुस्कान हत्याकांड का उद्भेदन करने में नाकाम रही गिरिडीह मुफ्फसिल थाना पुलिस की नाकामी के खिलाफ मंगलवार को बजरंग कृपा संघ ने शहर के अंबेडकर चैक पर श्रृद्धांजली सभा का आयोजन किया। श्रद्धांजली सभा में मौजूद लोगों की भीड़ ने मुफस्सिल थाना समेत गिरिडीह पुलिस पर जमकर प्रहार किया। मुफ्फिसल थाना प्रभारी को जहां नाकाम पुलिस पदाधिकारी बताकर जिले के वरीय अधिकारियों पर बरसे। वहीं जिले में बिगड़ती विधि व्यस्था के मुद्दे पर जिला प्रशासन को भी बिफल बताया। सभा में बजरंग कृपा संघ के संयोजक विभाकर पांडेय, सुमित कुमार, शैलेश पांडेय, बिजय यादव, दुर्गा पांडेय सहित काफी संख्या में कार्यकर्ता मौजूद थे।
विधि व्यवस्था की स्थिति खराब
सभा को संबोधित करते हुए वक्ताओं ने कहा कि इससे पहले गिरिडीह में विधि-व्यस्था का हाल इतना खराब नही रहा कि पुलिस कोयला चोरों से वसूली कर रही है। दूसरी तरफ हत्या और दुष्कर्म की घटना लगातार बढ़ रही हो। दोनों हत्याकांड में मुफ्फसिल थाना पुलिस के खाली हाथ बता रहे है कि पुलिस सिर्फ कोयला चोरो से वसूली में व्यस्त है। फिलहाल अपराध नियंत्रण को लेकर मुफ्फसिल थाना और वरीय अधिकारियों के पास समय नही। क्योंकि घटना को अंजाम देकर अपराधी थाना से भाग जाते है और पुलिस हाथ बांधे खड़ी रहती है। इससे जाहिर है कि पुलिस अपराध रोकने को लेकर विजन लेस है। हत्याकांड के दोनों घटनाओं के बाद गिरिडीह पुलिस के द्वारा किये गये दावे सिर्फ हवा-हवाई साबित हो रही है। इस दौरान सभा को कई और वकताआओ ने संबोधित किया।
सभा में थे उपस्थित
सभा में रामजी पांडेय, अशोक वर्मा, रूपलाल यादव, सुरेश यादव, अनिल चैधरी, भुनेश्वर यादव समेत काफी संख्या में ग्रामीण मौजूद थे। हर ग्रामीणों के हाथ में मुस्कान और रंजीत साहू की फोटो लगी तख्तियां मौजूद थी। जो निकम्मी मुफ्फसिल थाना और थाना प्रभारी से इंसाफ मांगते नजर आए। वैसे ग्रामीणों का आक्रोश भी वाजिब था, क्योंकि दोनों हत्याकांड को बीते हुए एक माह का वक्त हो चुका है। लेकिन उद्भेदन करने को लेकर थाना प्रभारी रत्नेश ठाकुर जहां नाकाम साबित हुए है, वहीं दूसरी तरफ सदर एसडीपीओ भी फिलहाल परिजनों को सिर्फ आश्वासन की घुट्टी पिलाए हुए है।