गिरिडीह में बीस सूत्री की बैठक में मंत्री हफीजुल के मौजदूगी में कई जनप्रतिनिधियों ने कहा राशन ढोने वाले ठेकेदार कर रहे है सारे राशन की चोरी
मंत्री ने माना कि गिरिडीह में तमाम विभागों के कार्य करने का सारा सिस्टम हो चुका है फेल
पीएचईडी और समाज कल्याण विभाग के निकम्मेपन पर जनप्रतिनिधियों ने निकाला गुस्सा
उपनगर आयुक्त स्मृति कुमारी को भी मंत्री हफीजूल ने लगाया कड़ा फटकार
गिरिडीहः
गठन के बाद गिरिडीह जिला बीस सूत्री की पहली बैठक नगर भवन में बीस सूत्री के अध्यक्ष सह सूबे के अल्पसंख्यक कल्याण मंत्री हफीजुल हसन के अध्यक्षता में हुआ। वहीं बैठक में डीसी नमन प्रियेश लकड़ा, सदर विधायक सुदिव्य कुमार सोनू, गांडेय विधायक सरफराज अहमद, जमुआ विधायक केदार हाजरा, जिप अध्यक्ष मुनिया देवी, उपाध्यक्ष छोटे लाल यादव समेत कई शामिल हुए। पहली बार हुए बैठक में कई विभागों और उनके पदाधिकारियों का पोल मंत्री हफीजुल के सामने खुला। मंत्री ने भी माना कि सही तरीके से गिरिडीह में किसी विभाग के पदाधिकारी कार्य नहीं कर रहे है। जिसमें खास तौर पर पीएचईडी-1 और पीएचईडी-2 के साथ जिला आपूर्ति विभाग और श्रम कल्याण विभाग और समाज कल्याण विभाग शामिल रहा। लेकिन बीस सूत्री की बैठक में सबसे दिलचस्प रहा कि जब नगर भवन के बैठक के दौरान मंत्री हफीजुल वॉशरुम गए, तो वॉशरुम में बेसिन के नीचे पाईप नहीं लगा था। लिहाजा, वॉशरुम से लौटने के बाद मंत्री हफीजुल ने उपनगर आयुक्त स्मृति कुमारी को मौके पर जमकर फटकार लगाते हुए कहा कि जब नगर भवन नगर निगम क्षेत्र में है तो निगम के वॉशरुम में सुविधा देने की जिम्मेवारी निगम पर होना चाहिए। लेकिन नगर निगम के पदाधिकारियों के हाल से दिखता है कि उन्हें कोई मतलब नहीं। लिहाजा, मंत्री ने उपनगर आयुक्त को फटकार लगाते हुए वॉशरुम में बेसिन को दुरुस्त करने का निर्देश दिया।

इधर बैठक में प्रखंड के बीस सूत्री अध्यक्ष शामिल हुए, तो कई बीस सूत्री अध्यक्ष ने पीएचईडी के जल जीवन मिशन योजना पर सवाल उठाया। लगातार उठते सवालों पर गांडेय विधायक सरफराज अहमद ने पीएचईडी-1 के कार्यपालक अभियंता नीरज कुमार को फटकार लगाते हुए कहा कि विभाग के पदाधिकारी संवेदकों की लापरवाही ऐसी है कि गांडेय और बेंगाबाद में जल जीवन मिशन का हाल सबसे खराब है। अगर यही हाल रहा तो वैसे पदाधिकारी हर वक्त कार्रवाई के लिए तैयार रहे। क्योंकि जल जीवन मिशन केन्द्र सरकार की महत्पूर्ण योजना है। लिहाजा, कोताही बरर्दाश्त नही होगी। क्योंकि पदाधिकारी भी चले जाएगें, और सारे संवेदक भी बाहर के है वो भी भुगतान लेने के बाद चले जाएं। भुगतना जनप्रतिनिधियों को पड़ेगा। समाज कल्याण विभाग के योजनाओं की समीक्षा के दौरान सुकन्या समृद्धि समेत कई योजनाओं का प्रगति रिपोर्ट देख मंत्री और सदर विधायक सोनू दोनों ही नाराज हुए, लिहाजा, सदर विधायक सोनू ने समाज कल्याण पदाधिकारी अलका हेम्ब्रम को कड़ी फटकार लगाते हुए कहा कि इस बार उन्हें नहीं कुछ नहीं बोला जा रहा है। लेकिन योजनाओं के प्रति अगर यही रवैया रहा, तो वो भी कार्रवाई के लिए तैयार रहे।

जबकि सबसे बुरा हाल आपूर्ति विभाग का रहा। मौके पर झामुमो अध्यक्ष संजय सिंह और जमुआ विधायक केदार हाजरा ने आपूर्ति पदाधिकारी गौतम भगत निशाने पर लेते हुए कहा कि तमाम कोशिश के बाद भी कई प्रखंडो में वक्त पर राशन नहीं उठ रहा। और ना ही आपूर्ति विभाग के कोई पदाधिकारी रजिस्ट्रर्ड राईस मिलों का निरीक्षण करते है। हालात तो ऐसे है कि राशन ढोने वाले वाहनों के ठेकेदार ही सारे राशन तक की चोरी कर ले रहे है। क्योंकि हर माह राज्य सरकार के स्तर पर एक से 15 तारीख के बीच राशन का वितरण होना है तो केन्द्र सरकार के स्तर पर मिलने वाले राशन का वितरण भी 15 से 30 तारीख के बीच होना जरुरी है। लेकिन नहीं हो पा रहा है। आपूर्ति विभाग के समीक्षा के क्रम में ही आपूर्ति पदाधिकारी गौतम भगत ने बताया कि फंड उपलब्ध नहीं रहने के कारण ही राशन ढोने वाले 60 फीसदी वाहनों में जीपीएस सिस्टम नहीं है। जिसे वाहनों के लोकेशन पर नजर रखा जा सके। इस बीच बैठक में कांग्रेस के जिलाध्यक्ष नरेश वर्मा समेत कई विभागों के पदाधिकारी मौजूद थे।