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शिवरात्रि पर गिरिडीह के विश्वैश ज्योतिष केन्द्र में हुआ रुद्राभिषेक, शामिल हुए श्रद्धालु, तो शिवालयों में जलाभिषेक के लिए उमड़ी भीड़

गिरिडीहः
नीलकंठ महादेव और माता पार्वती के विवाहत्सोव शिवरात्रि महापर्व को लेकर शिवभक्तों में उत्साह की कोई कमी नहीं रही। शहर के हर शिवालय में शिवभक्तों की भीड़ उमड़ी। और पूरे उत्साह के साथ माता पार्वती और भगवान शिव के पूजा-अर्चना में लीन रही। शिवरात्रि के मौके पर ही गुरुवार को शहर के बरगंडा पावर हाउस के समीप विश्वैश ज्योतिष अनुसंधान केन्द्र के संस्थापक हेंमत पाठक द्वारा पांरपरिक रुप से रुद्राभिषेक का आयोजन किया गया। रुद्राभिषेक में ही काफी संख्या में महिलाओं और पुरुषों के साथ युवक-युवतियों ने हिस्सा लिया। और अपने मनोकामना की पूर्ति को लेकर भगवान शिव का दूध और जल से अभिषेक किया। केन्द्र के संस्थापक हेंमत पाठक के वैदिक मंत्रोच्चार के बीच शिवभक्त इस दौरान भगवान शिव का आह्वान करते दिखें। फूल-फल बेलपत्र और पूजन साम्रगी से जहां भक्तों ने नीलकंठ महादेव की उपासना की। वहीं दूध और जल से अभिषेक कर भक्तों ने भगवान शिव का आह्वान करते सुख-समृद्धि और निरोगीकाया का कामना किया। सुबह से शुरु हुए रुद्राभिषेक का दौर दोपहर तक जारी रहा।

भक्तों ने निर्जला उपवास रख रुद्राभिषेक में शामिल हुए। इस बीच विश्वैश ज्योतिष अनुसंधान केन्द्र के संस्थापक हेंमत पाठक ने शिव को तीनों लोकों का स्वामी बताते हुए कहा कि शिव को सिर्फ गुरु कहना प्रासंगिक नहीं है। बल्कि, शिव महागुरु है। क्योंकि भगवान शिव अजर-अमर के साथ साधु-संतो के उपासक माने जाते है। ऐसे में शिवरात्रि के मौके पर रुद्राभिषेक करने से हर मनोकामना सिद्ध होता है। रुद्राभिषेक पूजन भगवान शिव के पूजा-उपासना में बेहद महत्पूर्ण माना जाता है। इस दौरान पूजा-अर्चना और रुद्राभिषेक के बाद आयोजन स्थल में ही शिवभक्तों के बीच प्रसाद का वितरण किया गया।

इधर महाशिव रात्रि को लेकर ही शहर के शिव मंदिरों और शिवालयों में अहले सुबह से ही भक्तों की भीड़ लगनी शुरु हो गई थी। शहर के 50 से अधिक शिवालय और मंदिरो में भक्तों ने जलाभिषेक किया। तो पूजा-अर्चना भी की। और सुख-समृद्धि और निरोगीकाया का कामना किया।

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