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पंचायत के बाद नगर निकाय चुनाव में भी ओबीसी आरक्षण समाप्त करने की साजिश कर रही है राज्य सरकार: राजेश गुप्ता

  • राजभवन के समक्ष राजनैतिक और सामाजिक आरक्षण बचाओ आंदोलन के तहत ओबीसी मोर्चा ने दिया महाधरना
  • कई जिले से ओबीसी समाज के पदाधिकारी हुए धरना में शामिल
  • ट्रिपल टेस्ट के लिए राज्य पिछड़ा वर्ग आयोग को अनुशंसा करे सरकार: मोर्चा

रांची। झारखंड सरकार पंचायत चुनाव में ओबीसी के राजनीतिक आरक्षण समाप्त कर अब नगर निकाय व निगम चुनाव में भी समाप्त करने की साजिश कर रही है। क्योंकि सरकार उच्च न्यायालय के निर्देश का पालन करते हुए ट्रिपल टेस्ट की कार्रवाई पूरी कर ओबीसी का इंपीरिकल डाटा बनाने के लिए राज्य पिछड़ा वर्ग आयोग को अब तक अनुशंसा नही की है। उक्त बातें राष्ट्रीय ओबीसी मोर्चा के प्रदेश अध्यक्ष राजेश कुमार गुप्ता ने गुरुवार को राजभवन के समक्ष ओबीसी का राजनैतिक और सामाजिक आरक्षण बचाओ आंदोलन के तहत आयोजित धरना को संबोधित करते हुए कहा।
उन्होंने कहा कि राष्ट्रीय ओबीसी मोर्चा पंचायती राज के चुनाव व सरकारी सेवा में ओबीसी का आरक्षण लागू करने के लिए जगह-जगह कई आंदोलन किया, लेकिन राज्य सरकार अपनी मंशा में सफल रही। राज्य में ओबीसी के अनुपात में आरक्षण तो नहीं बढा ऊपर से राजनैतिक (पंचायती राज में) आरक्षण समाप्त कर दिया गया।

धरणा को संबोधित करते हुए प्रदेश महासचिव प्रभात शर्मा ने कहा कि राज्य में बड़े पैमाने पर सरकारी नियुक्ति की जा रही है, लेकिन ओबीसी का आरक्षण बढ़ाने का वादा गठबंधन की सरकार की थी उसे पूरा नहीं किया जा रहा है। ओबीसी का हक पूरी तरह से लूटा जा रहा है। सरकार बिना देर किए हुए अपने वादे को पूरा कर ओबीसी का आरक्षण बढ़ाएं। प्रदेश उपाध्यक्ष संजय मेहता ने कहा कि केंद्र सरकार पर राज्य सरकार को जातीय जनगणना के लिए दबाव बनाने चाहिए। अगर केंद्र सरकार जाति जनगणना नहीं करती है तो राज्य सरकार को जाति आधारित जनगणना करानी चाहिए ताकि ओबीसी का वाजिब हक अधिकार मिल सके।

समाजसेवी विद्याधर प्रसाद ने सरकार से मांग किया कि देश में जातिगत जनगणना सुनिश्चित करते हुए स्थानीय निकायों में राजनीतिक और नौकरी में आरक्षण जनसंख्या का अनुपात में सरकार सुनिश्चित करने का काम करें। धनबाद से आये समाजसेवी केपी स्वर्णकार ने कहा कि सरकार अगर राष्ट्रीय ओबीसी मोर्चा की मांगों को जल्द नहीं मानती है तो यह आंदोलन शहर से अब गांव-गांव की ओर जाएगी और सरकार के वादा खिलाफी करने का ढोल पीटने का काम करेंगे। वहीं चतरा से आए दिनेश दांगी ने सरकार को आगाह किया कि अब ओबीसी समाज जाग चुका है सरकार के गलत नीतियों का गांव से लेकर शहर तक विरोध होगा।

महाधरना को प्रदेश उपाध्यक्ष सूबेदार एसएन सिंह कुशवाहा, संजय मेहता, ग्रामीण जिला शिव प्रसाद साहू, कार्यकारी अध्यक्ष अजय मेहता, हजारीबाग जिला अध्यक्ष बिरजू प्रसाद मेहता, महानगर अध्यक्ष विष्णु सोनी, समाजसेवी वीरेंद्र साहू, ललित चौधरी, प्रो. प्रेम सागर केसरी, गढ़वा से अशर्फी चंद्रवंशी, प्रदीप गुप्ता, खुशहाल शाह, हजारीबाग से मुकेश राणा, अधिवक्ता रविंद्र कुमार, खलारी से डीएन महतो, दुमका से नंदलाल साव, मो. आबिद अंसारी, मो. इमरान अंसारी, सिमरिया से राजीव कुमार, उमा चरण साहू, अभय प्रसाद, चंचला देवी, अशोक कुशवाहा, दिलीप वर्मा, विनय चंद्रवंशी, विवेक विश्वकर्मा सहित काफी संख्या में लोग शामिल हुए।

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