हड़ताल की तैयारी को लेकर सीटू, एक्टू, एटक और मजदूर यूनियन की हुई संयुक्त बैठक
- हड़ताल के समर्थन में 28 मार्च को निकलेगा ट्रेड यूनियनों का संयुक्त मार्च
कोडरमा। केन्द्र सरकार की मजदूर कर्मचारी विरोधी नीतियों के खिलाफ ट्रेड यूनियनों और कर्मचारियों एवं मजदूरों के फेडरेशनों के द्वारा 28 व 29 मार्च को आयोजित दो दिवसीय हड़ताल की तैयारी को लेकर सीटू, एक्टू, एटक और निर्माण मजदूर यूनियन की संयुक्त बैठक प्रखण्ड परिसर में प्रेम प्रकाश की अध्यक्षता में हुई। बैठक में सर्वसम्मति से तय हुआ कि दो दिवसीय हड़ताल के समर्थन में 27 को मशाल जुलूस और हड़ताल के पहले दिन 28 मार्च को झुमरी तिलैया में ट्रेड यूनियनों और तमाम मजदूर कर्मचारी फेडरेशनों के द्वारा संयुक्त रूप से विशाल मार्च निकाला जाएगा। वहीं 29 मार्च बांझेडीह पावर प्लांट में प्रदर्शन किया जाएगा।
बैठक में सीटू राज्य कमिटी सदस्य संजय पासवान ने कहा कि यह हड़ताल मोदी सरकार द्वारा देश की सम्पदा का मेगा सेल लगाए जाने के खिलाफ और मजदूर विरोधी चार लेबर कोड रद्द करने, न्यूनतम मजदूरी 26 हजार करने, पुरानी पेंशन योजना बहाल करने, निजीकरण पर रोक लगाने सहित मजदूरों की लंबित मांगों को लेकर की जा रही है। एटक की ओर से जिप सदस्य महादेव राम ने कहा कि मोदी सरकार द्वारा श्रम कानूनों में संशोधन के साथ हमारे देश की अर्थव्यवस्था की रीढ़ जैसे स्टील, रेलवे, राजमार्ग, रक्षा, बीमा, बैंक, बीमा, पेट्रोलियम, फार्मास्यूटिकल्स, दूर संचार, हवाई अड्डे, बंदरगाह, डाक सेवा और खनन क्षेत्र में एफडीआई लाकर पूंजीपतियों के लिए कॉरपोरेटाईजेशन का रास्ता साफ कर किया जा रहा है।
एक्टू के जिला संयोजक विजय पासवान ने कहा कि केंद्र सरकार की कॉरपोरेट परस्त नवउदारवादी नीतियों के तहत रखो और हटाओ की नीति पर चल रही है, जिसमें रोजगार की सुरक्षा नहीं है। भाजपा सरकार की नीति पूरी तरह जनविरोधी व राष्ट्र विरोधी है। निर्माण मजदूर यूनियन के जिलाध्यक्ष प्रेम प्रकाश ने कहा कि मजदूरों का शोषण लगातार जारी है, न्यूनतम मजदूरी भी नहीं दिया जा रहा है, महंगाई के कारण असंगठित क्षेत्र के मजदूरों की हालत खराब है इसलिए यह हड़ताल जरूरी है।
बैठक में एटक के दशरथ पासवान, एक्टू के तुलसी राणा, सीटू के अशोक रजक और डीवाईएफआई के जिला सचिव सुरेंद्र राम मौजूद थे।