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15 लाख का इनामी हार्डकोर नक्सली कृष्णा हांसदा को पुलिस ने लाया सामने

  • लूसियो जंगल में ठेकेदार के मुंशी से लेवी वसूली के दौरान पुलिस के चढ़ा था हत्थे
  • सीसीए सदस्य विवेक उर्फ प्रयाग दा के काफी करीबी रहा है कृष्णा: एसपी

गिरिडीह। गिरफ्तारी के पांच दिनों बाद गिरिडीह पुलिस ने मंगलवार को हार्डकोर व 15 लाख के इनामी नक्सली और पीरटांड़ थाना इलाके के लेढवा गांव निवासी कृष्णा हांसदा उर्फ सौरभ दा उर्फ अविनाश दा के गिरफ्तारी की पूरी जानकारी दी। मंगलवार को एसपी अमित रेनू, एएसपी गुलशन तिर्की, एसडीपीओ मनोज कुमार, इंस्पेक्टर परमेश्वर लियांगी और सीआरपीएफ कमांडेंट संतोष कुमार ने प्रेसवार्ता कर हार्डकोर नक्सली के गिरफ्तारी के साथ ही उसके निशानदेही पर मिलने वाले कामयाबी के बाबत जानकारी देते हुए एसपी अमित रेनू ने बताया की कृष्णा हांसदा नक्सली संगठन के रीजनल कमिटी का सदस्य है और गिरिडीह के पारसनाथ समेत उतरी दक्षिणी इलाके में सक्रिय रहा है। कृष्णा हांसदा सीसीए सदस्य विवेक उर्फ प्रयाग दा के काफी करीबी माना जाता है।

एसपी ने बताया की गिरिडीह के कई थानों के साथ धनबाद में इसके खिलाफ 50 से अधिक नक्सली केस दर्ज है। जिसमे कई सरकारी संपत्ति को उड़ाने समेत हत्या के मामले शामिल है। वैसे गिरफ्तारी के पांच दिनों बाद भले ही गिरिडीह पुलिस इस हार्डकोर नक्सली को सामने लेकर आई है। लेकिन

पुलिस सूत्रों की माने तो जिस दिन एसडीपीओ मनोज कुमार और डुमरी थाना प्रभारी गोपाल महतो के साथ पुलिस जवानों ने इसे डुमरी थाना इलाके के लुसियो जंगल से दबोचा, उस वक्त भी ये जमुई के एक ही नक्सली केडर अभिजीत के साथ गिरिडीह के एक ठेकेदार से लेवी के पैसे वसूली के लिए ही लूसियो जंगल पहुंचा था। पुलिस सूत्रों की माने तो जमुई के नक्सली अभिजीत के साथ हार्डकोर नक्सली कृष्णा को लेवी का पैसा देने ठेकेदार का मुंशी पहुंचा था। इतना ही नहीं कृष्णा और उसके साथी नक्सली ने ठेकेदार से दो लाख लेवी वसूल भी चुका था। जिसे इसकी गिरफ्तारी के बाद पुलिस ने इसके पास से बरामद किया। वहीं दूसरी तरफ इसका साथी और जमुई का नक्सली अभिजीत फरार होने में सफल रहा।

गिरफ्तारी के इन पांच दिनों में पुलिस ने कृष्णा के निशानदेही पर पारसनाथ पहाड़ के अलग अलग हिस्सों में छापेमारी कर कई नक्सली साहित्य और वर्दी भी जब्त किया है। वैसे पुलिस सूत्रों ने ये भी संकेत दिया है की जिस ठेकेदार के मुंशी से दो लाख लेवी लेने कृष्णा हांसदा और अभिजीत पहुंचा था। उसे लेने के लिए कृष्णा को उसके आका और सीसीए सदस्य विवेक उर्फ कर्मा ने निर्देश दिया था। क्योंकि कृष्णा के आका को पांच लाख की जरूरत थी। लिहाजा, सीसीए सदस्य विवेक ने ही गिरिडीह के आरईओ में रोड और पुलिया बनाने वाले ठेकेदार से पांच लाख की लेवी की मांग की थी। ठेकेदार भी विवेक को पहले क़िस्त में दो लाख देने के लिए तैयार हो गया और ठेकेदार के कहने पर लेवी के पैसे लेने कृष्णा और अभिजीत को भेजा गया था।

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