महापर्व के दुसरे दिन गिरिडीह में व्रतियों के हाथों श्रद्धालु ने किया खरना का प्रसाद ग्रहण
गिरिडीहः
लोकआस्था का महापर्व चैती छठ के दुसरे दिन शनिवार को गिरिडीह में भी व्रतियोें ने पूरे विधी-विधान के साथ खरना का पूजा-अर्चना किया। कड़े नियम और अटूट आस्था के इस महापर्व के खरना पूजा की तैयारी व्रतियों ने शाम ढलते ही शुरु कर दिया था। इस दौरान जब पूजा की वक्त आया, तो व्रति पूजन स्थल के भीतर मां छठ और भगवान सूर्य का ध्यान कर पूजा-अर्चना किया। वहीं पूजा-अर्चना के बाद व्रतियों के घर खरना का प्रसाद पाने के लिए श्रद्धालुओं का आना भी शुरु हो गया। हालांकि कोरोना के दुसरे लहर के कारण मचे कोहराम को देखते हुए व्रतियों के घर काफी कम श्रद्धालु ही जुटे थे। लेकिन खरना का प्रसाद लेने के लिए जितने श्रद्धालु पहुंचे। वे पूजन स्थल में मत्था टेकने के बाद व्रतियों के पांव छूकर उनसे प्रसाद ग्रहण करते नजर आएं।
कमोवेश, आस्था के इस महापर्व का उत्साह कोरोना के खतरे के कारण कुछ ही रहा। क्योंकि व्रतियों के घर में खरना का पूजा तो हुआ। लेकिन त्योहार के पांरपरिक गीत इस दौरान पूरे शहर में कहीं गूंजता नहीं सुना गया। मान्यताओं के अनुसार खरना प्रसाद के रुप में कई व्रतियों के घर गुड और खीर का प्रसाद को श्रद्धालुओं ने ग्रहण किया। तो कई घरों में चावल-दाल का प्रसाद तैयार किया गया था।