बरसात में अक्रामक हो जाता है सांपों का स्वभाव
- बरतें एहतियात और डरने के बजाय रहे संयमित
कोडरमा। बिलों में बारीश का पानी भरने की वजह से बरसात के मौसम में सांप खूब निकलते हैं। जेष्ठ और अषाढ में सांपों का मिलन होता है और बरसात में बिल में पानी भरने लगता है तो उन्हें बाहर निकलने पर मजबूर होना पड़ता है। जंतु विज्ञान के प्रो. डॉ. गोपाल मिश्रा ने बताया कि शारीरिक दशा के चलते इस स्थिति में अक्रामक हो जाता है। इंसान या जानवर से संपर्क होने पर वह तुरंत डंस लेती है। इसलिए बरसात के मौसम में अंधेरे में निकलने से बचें। बाहर जाना हो तो टॉर्च लेकर और जूता चप्पल पहन कर ही निकले। करीब 80 फ़ीसदी सर्प विषहीन होते हैं।
कहा कि किसानों को बरसात के मौसम में पहले अपने बिस्तर की भलीभांति जांच कर सोना चाहिए। खासकर कच्चे मकान में रहने वाले लोगों को भी इस ओर विशेष ध्यान देने की जरूरत है। जहां तक संभव हो मच्छरदानी का प्रयोग करें। जिससे मच्छर व सांप दोनों से निजात मिल सके। उन्होंने कहा कि बोरिक एसिड का छिड़काव करने से सुरक्षा बेहतर होती है। उन्होंने यह भी कहा कि सांप प्रकृति का अंग है और इसे मारना नहीं चाहिए। इसे किसी चीज में पकड़ कर जंगल या किसी खुले स्थान में छोड़ना चाहिए। डर और उपचार नहीं मिलने पर ही मौतें होती है। इसलिए घबराएं नहीं पहले से ही सुरक्षा का ध्यान रखें।