LatestNewsगिरिडीहझारखण्डराँची

शहर के मकतपुर-अरगाघाट में पानी टंकी फैक्ट्री ब्लास्ट मामले में कारखाना निरीक्षक ने जांच रिपोर्ट सौंपा

घनी आबादी में विष्फोटक पद्धार्थ का इस्तेमाल कर संचालन का मामला आया सामने

एक अधिकारी ने सौंपा रिपोर्ट, तो दुसरे अधिकारी की जांच रिपोर्ट 25 दिन भी नहीं हुआ पूरा

जल्द हो सकता है फैक्ट्री प्रबंधन पर कार्रवाई

गिरिडीहः
शहर के मकतपुर-अरगाघाट रोड स्थित घनी आबादी में संचालित पानी टंकी फैक्ट्री के प्रबंधक की परेशानी बढ़ गई है। क्योंकि ब्लास्ट की घटना के 25 दिन बाद गिरिडीह नगर थाना पुलिस ने जहां लापरवाही का केस दर्ज किया। तो दुसरी तरफ घटना के बाद सदर एसडीएम प्रेरणा दीक्षित के निर्देश पर जांच टीम भी गठित हुआ था। प्रशासनिक सूत्रों की मानें तो टीम में शामिल एक अधिकारी का जांच पूरा हो चुका है। और संबधित अधिकारी अपनी रिपोर्ट एसडीएम और सरकार को सौंप चुके है। तो टीम के दुसरे अधिकारी की भी जांच रिपोर्ट लगभग तैयार हो चुका है। इस अधिकारी द्वारा भी रिपोर्ट अगले दो-तीन दिनों में सौंपा जाएगा।

बहरहाल, ब्लास्ट में जख्मी हुए गुड्डु दास के इलाज के दौरान मौत के बाद मृतक के भाई ने जहां नगर थाना में लापरवाही का केस दर्ज कराया। तो वहीं दुसरी तरफ एसडीएम के निर्देश पर जांच टीम द्वारा किया गया जांच। टीम में शामिल मुख्य कारखाना निरीक्षक गोपाल कुमार ने अपने रिपोर्ट राज्य सरकार के साथ एसडीएम को सौंप दिया है। जबकि घटना को एक माह होने को है। लेकिन गिरिडीह के कार्यपालक दडांधिकारी धीरेन्द्र कुमार की रिपोर्ट अभी तक तैयार ही नहीं हुआ है। लेकिन दडांधिकारी का कहना है कि जल्द ही जांच रिपोर्ट सौंपा जाएगा।
लिहाजा, ये तय है कि शहर के इस पानी टंकी फैक्ट्री के मामले में स्थानीय प्रशासन की और से जल्द ही कोई बड़ी कार्रवाई किया जा सकता है। प्रशासनिक सूत्र बताते है कि कारखाना निरीक्षक ने जांच में फैक्ट्री संचालन को लेकर कई गड़बड़ियां पाई है। क्योंकि शहर के बीचों-बीच मकतपुर-अरगाघाट रोड में पानी टंकी फैक्ट्री का संचालन किया जा रहा है।

इसकी जानकारी होने से प्रशासन पहले ही हाथ खड़े कर चुका है। यही नही जांच में विष्फोटक पद्धार्थ के रुप में गैस सिलेंडरों का इस्तेमाल कर प्लांट चलाने की बात सामने आई है। जो कि पूरी तरह से अवैध है। वैसे घटना के बाद सरकार के कार्रवाई के दायरे में फैक्ट्री प्रबंधन है तो कसूरवार प्रदुषण बोर्ड और खुद कारखाना निरीक्षक भी है। क्योंकि बगैर जांचे-परखे घनी आबादी में प्लांट चलाने की मंजूरी दे दिया। हालांकि कारखाना निरीक्षक गोपाल कुमार का दावा है कि फैक्ट्री प्रबंधन के मालिक मनीष तर्वे द्वारा माइका फैक्ट्री परिसर में प्लांट चलाने की अनुमति मांगा था। जिसके आधार पर लाईसेंस निर्गत किया गया।

Please follow and like us:
Show Buttons
Hide Buttons